तब यह कहा जा सकता है कि महत्वपूर्ण अंतर यह है कि धर्म एक प्रकार की औपचारिक बाह्य खोज है, जबकि आध्यात्मिकता को अपने भीतर की खोज करने के रूप में परिभाषित किया जाता है.
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[18] तब यह कहा जा सकता है कि महत्वपूर्ण अंतर यह है कि धर्म एक प्रकार की औपचारिक बाह्य खोज है, जबकि आध्यात्मिकता को अपने भीतर की खोज करने के रूप में परिभाषित किया जाता है.
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मनुष्य की आंतरिक खोज और बाह्य खोज अर्थात आधुनिक विज्ञान की खोज दोनों से यह तो सिद्ध हो चुका है कि मृत्यु के पश्चात भी मनुष्य का अस्तित्व होता है और यदि मृत्यु के बाद उसका अस्तित्व है, तो जन्म से पूर्व भी उसका अस्तित्व होना ही चाहिए।